गायन / वक्तृत्त्व / डबिंगची आवड असणाऱ्यांसाठी
आवाज (स्वर) संस्कार आणि संवर्धन
ऑनलाइन कार्यशाळा
मार्गदर्शक: योगेश सोमण
अभिनेता, पटकथा लेखक, दिग्दर्शक
संकल्पना: प्रा. क्षितिज पाटुकले
आयोजक: विश्व मराठी परिषद, द्वारा साहित्य सेतू
कुणासाठी अधिक उपयुक्त - खरतर सर्वांसाठी ...ज्यांना अभिनेता, गायक, डबिंग, रेडिओ जॉकी, वक्ता, राजकीयनेता, वकील, राजकीय – सामाजिक कार्यकर्ते, असे करिअर करायचे आहेत तसेच प्राध्यापक, शिक्षक, कीर्तनकार, प्रवचनकार, कलाकार, डॉक्टर, इ. सर्वांसाठी अतिशय उपयुक्त कार्यशाळा...
कालावधी
५ दिवस - रोज १ तास
दि: १४ ते १८ जुलै २०२० वेळ: सायंकाळी ७ ते ८ वा
कार्यशाळेतील मधील मुद्दे:
१) आवाज कुणाचा ? आवाज कशाला ?
२) आवाज हेच भांडवल
३) उत्तम आवाजाची गरज कोणाला ? कलाकार, वकील, नेते, इ. प्रत्येकाला
४) आवाज, स्वर आणि पट्टी यांची ओळख
५) आवजाचा रियाझ, व्यायाम, संरक्षण आणि संवर्धन
६) आवाजामुळे करिअर संधी
Recognised Institute by Central Sanskrit University (RISPE-CSU)
Upcoming Batches :
9 to 12 April 2024
4 Days - 4 Sessions
Evening: 8:00pm to 9:15pm
Language: Hindi
Bhishma School of Indian Knowledge System
About the Workshop
भारतीय संस्कृति विश्व में जीतनी श्रेष्ठ है उससे भी कहीं अधिक श्रेष्ठ भारत की प्राचीन स्वास्थ्य प्रणाली रही है I मनुष्य के संपूर्ण जीवनकाल के लिए, हर एक व्यक्ती की विभिन्नता को समझकर, केवल बीमारी का निवारण करने के बजाय मूल दोष की जड़ में जाकर उसको उखाड़ना यह कार्य यह प्रणाली करती थी I मात्र औषधियोंतक सीमित न रहकर एक स्वस्थ, सर्वांगीण जीवनपद्धती का निर्माण करने का कार्य प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक ऋषि-मुनियोंने किया था I जिसका पालन कर एक सक्षम समाज का निर्माण हुआ I आयुर्वेद का निर्माण भारत की दुनिया को अनमोल देन है I उसकी महानता उसके “उपवेद” होने से सिद्ध होती है I चरक, सुश्रुत आदि महान संशोधक – चिकित्सकों द्वारा किया गया कार्य, उनके द्वारा लिखे गए ग्रंथ आज के युग के लिए मार्गदर्शक और आवश्यक है I केवल शरीर का विचार न करते हुए तन, मन, पंचकोश आदि का समग्रता से विचार एक परिपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करता है I ऋतूचक्र, दिनचर्या पर आधारित यह प्रणाली पर्यावरण को भी अपने भीतर समाविष्ट करती है I प्राचीन काल में वैद्यकीय व्यवस्था कोई व्यवसाय नहीं था I उसको सेवा के रूप में देखा गया I इसीलिए संपूर्ण समाज के स्वास्थ्य का रक्षण करना वैद्य की जिम्मेदारी थीI केवल आयुर्वेद ही नहीं योग, प्राणायाम, ओमकार साधना, मंत्रोपचार, सिद्ध, बाराक्षर आदि कई सारी स्वास्थ पद्धतीयोंको मिलाकर यह प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण हुआ है I आज स्वास्थ्य और औषधप्रणाली प्रति घोर अज्ञान के कारण हम सभी वैद्यकीय क्षेत्र से डरते है I इस क्षेत्र में बढ़ता हुआ आर्थिक महत्त्व इसे “सेवा” से ज्यादा “व्यवसाय” का रूप दे रहा है I महंगी वैद्यक पद्धति हम सब को ही हतबल कर देती है I ऐसे अवसर पर भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में निहित घरेलु नुस्कोंके जरिए खुद के स्वास्थ्य का देखभाल कैसे करें ये जानना आज के समय में अत्यंत आवश्यक है I
Your Instructor
Dr. Karan Mittal
MBBS, Clinical Hypnotherapist, Yoga and Naturopathy, Indologist, Hindu Studies Expert, MA Sanskrit
Topics covered in the Workshop
1) स्वास्थ्य और स्वास्थ्य प्रबंधन की संकल्पना
2) प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था के स्रोत
3) आयुर्वेद का परिचय
4) अथर्ववेद और अन्य प्राचीन ग्रंथो में स्थित स्वास्थ्य प्रबंधक विचार
5) शरीर, मन और पंचकोश की संकल्पना
6) अधि, व्याधि और जीवन का संतुलन
7) समग्र दृष्टिकोण और जीवन शैली प्रबंधन
8) निदान प्रणाली
9) वैद्य की संकल्पना और आहार विहार के नियम
10) योग, प्राणायाम, ओमकार साधना, मंत्रोपचार, सिद्ध, बाराक्षर आदि अन्य चिकित्सा पद्धती
11) व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामाजिक स्वास्थ्य
12) चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल जागरूकता
What you will benifit from the Workshop
1) स्वास्थ्य की संकल्पना का सही ज्ञान होगा
2) प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था के विविध स्रोत पता चलेंगे
3) आयुर्वेद और उससे जुडी कई संकल्पनाए स्पष्ट होगी
4) विभिन्न चिकित्सा पद्धतीयोंका प्राथमिक ज्ञान होगा
5) जीवन शैली प्रबंधन का समग्र दृष्टिकोण प्राप्त होगा
6) प्राचीन ऋषि-मुनियोंके कार्य और ग्रंथोका प्राथमिक ज्ञान
7) वैद्य की जीवनपद्धती और उसके लक्ष्य का ज्ञान होगा
8) सामाजिक स्वास्थ्य निर्माण की संकल्पना समझ आएगी
9) अधि, व्याधि, पंचकोश, पंचकर्म जैसी भारतीय संकल्पना समझ आएगी
10) बीमारियों से लड़ने के घरेलु नुस्के ज्ञात होंगे
11)वेलनेस और वेलबीईंग की संकल्पना ज्ञात होगी
12)प्रचलित स्वास्थ्य प्रबंधक व्यवस्था में प्राचीन ज्ञान का अंतर्भाव किस तरह करें इसके बारें में विमर्श
✅ विशेषज्ञ मार्गदर्शक
✅ मार्गदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी
✅ सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र
✅ झुम लाइव्ह क्लास + रेकॉर्डिंग्स (Lifetime Access)
Important :
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Registration once made will not be cancelled or refunded for any reason. It can be transferred to another person or workshop.
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Zoom Class Link and Details will shared on WhatsApp and Email 4-6 Hours before the Workshop
Workshop Fee :
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(Call) Mo: 7875743405 / 8788243526
Email: namaste@bhishmaiks.org
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About Bhishma School of Indian Knowledge Systems...
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