गायन / वक्तृत्त्व / डबिंगची आवड असणाऱ्यांसाठी
आवाज (स्वर) संस्कार आणि संवर्धन
ऑनलाइन कार्यशाळा
मार्गदर्शक: योगेश सोमण
अभिनेता, पटकथा लेखक, दिग्दर्शक
संकल्पना: प्रा. क्षितिज पाटुकले
आयोजक: विश्व मराठी परिषद, द्वारा साहित्य सेतू
कुणासाठी अधिक उपयुक्त - खरतर सर्वांसाठी ...ज्यांना अभिनेता, गायक, डबिंग, रेडिओ जॉकी, वक्ता, राजकीयनेता, वकील, राजकीय – सामाजिक कार्यकर्ते, असे करिअर करायचे आहेत तसेच प्राध्यापक, शिक्षक, कीर्तनकार, प्रवचनकार, कलाकार, डॉक्टर, इ. सर्वांसाठी अतिशय उपयुक्त कार्यशाळा...
कालावधी
५ दिवस - रोज १ तास
दि: १४ ते १८ जुलै २०२० वेळ: सायंकाळी ७ ते ८ वा
कार्यशाळेतील मधील मुद्दे:
१) आवाज कुणाचा ? आवाज कशाला ?
२) आवाज हेच भांडवल
३) उत्तम आवाजाची गरज कोणाला ? कलाकार, वकील, नेते, इ. प्रत्येकाला
४) आवाज, स्वर आणि पट्टी यांची ओळख
५) आवजाचा रियाझ, व्यायाम, संरक्षण आणि संवर्धन
६) आवाजामुळे करिअर संधी
Recognised Institute by Central Sanskrit University (RISPE-CSU)
Upcoming Batches :
26 to 29 March 2024
4 Days - 4 Sessions
Evening: 8:00pm to 9:15pm
Language: Hindi
Bhishma School of Indian Knowledge System
About the Workshop
वेद भारत की सबसे बड़ी धरोहर है जो पुरे विश्व के कल्याण हेतु आज भी उतनीही महत्वपूर्ण है I वेद शब्द ‘विद्’ धातु से बना है जिसका मतलब है ‘ज्ञान”I वेद ज्ञान का भंडार है जिसके जरिए प्राचीन भारतीय सभ्यता अपने विकास की चरम सीमा तक पहुँची थी I हमारे घोर अज्ञान की वजह से हमने वेदों में बसे इस ज्ञान को अनदेखा कर उसको केवल हिन्दुओंके ‘धार्मिक पवित्र ग्रंथ’ इतनी मर्यादित व्याख्या तक सीमित रखा I लेकिन उस ज्ञान का पुनरुज्जीवन होना और उसे वास्तव में अपनाना आज की गंभीर समस्याओंका समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है I
वेद केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं जिनमे देवता और उनकी अर्चना की जानकारी दी गई है I वैदिक ज्ञान में दर्शन, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और बहुत कुछ सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। जबकि वैदिक ज्ञान के कुछ पहलुओं को धार्मिक या आध्यात्मिक माना जाता है, अन्य में व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं जो आधुनिक समय में प्रासंगिक हो सकते हैं। यहां कुछ क्षेत्र हैं जहां वैदिक ज्ञान को समकालीन संदर्भों में लागू किया जा सकता है जैसे की योग, ध्यान, आयुर्वेद, चिकित्सा पद्धती, वास्तुशास्त्र, कला, ज्योतिष अर्थात खगोलशास्त्र, संगीत, नाट्य, तत्त्वज्ञान, नैतिक मूल्य, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदिI इस कार्यशाला द्वारा आप वेदोंके इन आयामोंको जान सकते है और उन्हें अपने जीवन में अपना सकते है I
Your Instructor
Dr. Mrunalini Newalkar
MA in Veda, MA in Vyākaraṇa,
PhD in Purāṇas: Sacred and Folk Realms of Bhairava
Topics covered in the Workshop
1) भारत की सबसे बड़ी धरोहर का आधुनिक दृष्टिकोण से परिचय होगा
2) चार वेद, छह वेदांग और चार उपवेदों का परिचय होगा
3) उपनिषद् और उनमें बसे आधुनिक विज्ञान विषयक विचारोंका परिचय होगा
4) वेदों में आनेवाले विभिन्न विषयोंका ज्ञान होगा
5) वैदिक साहित्य की समकालीनता समझ आएगी
6) वैदिक साहित्य से जुडी गलत धारणाएँ दूर होंगी और उसकी उपयोगिता समझ आएगी
7) योग, ध्यान आदि द्वारा तन और मन के स्वास्थ्य का खयाल कैसे रखे वह समझ आएगा
8) आयुर्वेद और अन्य चिकित्सा प्रणालीद्वारा चिकित्सा का नया नजरिया प्राप्त होगा
9) वास्तुशास्त्र के अध्ययन द्वारा नए निर्माणोंके लिए नया ज्ञान प्राप्त होगा
10) ज्योतिष के अध्ययन द्वारा प्राचीन ऋषि-मुनियोंका विकसित खगोलशास्त्र समझ आएगा
11) पर्यावरण और उसके संरक्षण के क्षेत्र में वेदोंके विचार महत्वपूर्ण दिशा देंगे
12) संगीत, व्याकरण, छंद आदि साहित्यिक विचार और उनका उपयोजन समझ आएगा
13) धनुर्वेद, अथर्ववेद आदि के अध्ययन द्वारा आयुधशास्त्र, रसायनशास्त्र, वैद्यकशास्त्र के बारें में जानकारी प्राप्त होगी
14) वैयक्तिक और सार्वजनिक जीवननमें आचरण योग्य नीतिमूल्य, आवश्यक कौशल और कलाओंका ज्ञान प्राप्त होगा
What you will benifit from the Workshop
1) चार वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) का परिचय
2) छह वेदांगों (शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद, ज्योतिष) का परिचय
3) चार उपवेदोंका (धनुर्वेद, आयुर्वेद, गंधर्ववेद, स्थापत्यवेद) का परिचय
4) प्रमुख उपनिषद और उनमे स्थित विज्ञान और तत्त्वज्ञान का परिचय
5) वैदिक साहित्य में उपलब्ध विभिन्न विषय और उनकी समकालीनता
6) योग, ध्यान, प्राणायाम और आसन
7) आयुर्वेद और अन्य चिकित्सा प्रणाली
8) वर्तमान में वास्तुशास्त्र की उपयोगिता
9) प्राचीन खगोलशास्त्र और सिद्धांत
10) वेदोंमें निहित पर्यावरण का विचार, संतुलित जीवनशैली
11) वेदोंमें निहित संगीत का विचार और उनकी समकालीनता
12) वैदिक तत्वज्ञान – नैतिकता, मूल्य व्यवस्था, व्यवस्थापन कौशल्य, राजनीतिक विचार, प्रशासन, निर्णय क्षमता आदि
✅ विशेषज्ञ मार्गदर्शक
✅ मार्गदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी
✅ सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र
✅ झुम लाइव्ह क्लास + रेकॉर्डिंग्स (Lifetime Access)
Important :
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Registration once made will not be cancelled or refunded for any reason. It can be transferred to another person or workshop.
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Zoom Class Link and Details will shared on WhatsApp and Email 4-6 Hours before the Workshop
Workshop Fee :
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(Call) Mo: 7875743405 / 8788243526
Email: namaste@bhishmaiks.org
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622, Janaki Raghunath, Pulachi Wadi,Near Z Bridge, Deccan Gymkhana, Pune - 411004 MH, Bharat
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About Bhishma School of Indian Knowledge Systems...
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